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कविता

कुड़ेली गाँव की निवासिनें

लाल सिंह दिल


कुड़ेली गाँव की निवासिनें
काले-काले सूट पहने
हरे बागों में से गुजरती हैं
खेतों और दीवारें चिनने की मजूरी के लिए।

वे जानती हैं
रावण के आदमी काले कपड़े पहनते थे
फिर भी वे काला पहनती हैं
वे जानती हैं
कि राक्षस काला पहनते थे
फिर भी वे काला पहनती हैं

वे जानती हैं
चोरों के कपड़े काले होते हैं
फिर भी वे काला पहनती हैं।
जबकि मौसम के भीगेपन में हरे बाग लहराते हैं
बागों में घनी हरियाली लहराती है
वे जानती हैं
कुड़ेली एक नागिन का नाम है
सबसे ज्यादा जहरीली नागिन
फिर भी ये उनके गाँव का नाम है
और वे काला पहनती हैं
वे जानती हैं...।


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